अप्रत्यक्ष कर क्या होते हैं ? अप्रत्यक्ष कर कितने प्रकार के होते हैं ? Indirect Taxes Meaning and Types
Apratyaksh Kar kya hote hai? Apratyaksh Kar Kitne Prakar Ke Hote Hai? Bharat me kis kis prakar ke apratyaksh kar lagu hai? example dijiye
अप्रत्यक्ष कर(Indirect Tax)
अप्रत्यक्ष कर एक प्रकार का कर है जो सीधे करदाताओं पर नहीं लगाया जाता है, टैक्स का भार किसी और को करदाता द्वारा स्थानांतरित किया जा सकता है। जैसे कि निर्माता या फुटकर विक्रेता जैसे मध्यस्थ से आता है अर्थात, टैक्स का प्रभाव उन उपभोक्ताओं पर पड़ता है जो मध्यस्थ से सेवाओं और माल को खरीदते हैं। सरकार द्वारा मध्यस्थों द्वारा उपभोक्ताओं से वैट सेवा कर, बिक्री कर से अप्रत्यक्ष रूप से एकत्रित किए जाते हैं।
अप्रत्यक्ष करों के सामान्य प्रकार:
एक्साइज ड्यूटी(Excise duty):
भारत में कंपनियों द्वारा निर्मित सभी वस्तुओं पर लागू होता है। यह टैक्स कंपनी निर्माताओं द्वारा देय है। और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 के प्रावधानों के अनुसार भारत में यह अप्रत्यक्ष कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है।
सेवा कर(Services Tax):
यह कर विशेष सेवाओं जैसी– कानूनी सेवाओं, परामर्श, और अन्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए संस्थाओं द्वारा लगाया जाता है। यह अप्रत्यक्ष कर सेवा प्रदाता द्वारा लगाया जाता है और सेवाओं के प्राप्तकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है। जो अप्रैल 2015 से 14% तक संशोधित किया गया है।
सीमा शुल्क ड्यूटी(Customs duty):
यह उन अप्रत्यक्ष करों में से एक है जो देश में निर्यात वस्तुओं पर लगाया जा सकता है। सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 इस शुल्क, आयात और निर्यात प्रक्रियाओं, रोकथाम और अपराध और संग्रह नियमों को प्रदान करता है।
वैट(VAT):
मूल्यवर्धित कर देश में राज्य सरकारों द्वारा राज्य सूची के प्रवेश 54 के तहत उत्पादन, वितरण और माल की बिक्री पर लगाया गया है जिसमें मूल्यवर्धित की एक घटना शामिल है।
प्रतिभूति लेनदेन कर(Securities Transaction Tax):
यह कर लगाया जाता है जब किसी भी भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर, म्यूचुअल फंड, और भविष्य और विकल्प लेनदेन को बेचा या खरीदा जाता है। प्रतिभूति लेनदेन कर दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर को खत्म करने और अल्पकालिक पूंजी लाभ कर को कम करने के लिए लगाया जाता है।
स्टाम्प शुल्क(Stamp duty):
स्टाम्प शुल्क भारत में राज्य सरकारों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में अचल संपत्ति के हस्तांतरण पर और सभी प्रकार के कानूनी दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी पर लगाया गया अप्रत्यक्ष कर है। जो हर राज्य में भिन्न होती है।
मनोरंजन कर(Entertainment Tax):
मनोरंजन कर राज्य सरकार द्वारा भारत में व्यापक रिलीज फीचर फिल्मों पर लगाया जाने वाला कर है।
जो भी tax income पर सीधे तौर पर नहीं लगते हैं वह सारे indirect tax यानी अप्रत्यक्ष कर कहे जाते हैं। उदाहरण के तौर पर hotel में खाना खाने जाना जिसमें food के पैसो की रकम पर कुछ प्रतिशत service tax या फिर किसी factory से सामान किसी और जगह ले जाना या फिर किसी दुकान से कुछ furniture खरीदना इन सभी कार्यों में वस्तु की रकम के अलावा जो भी शुल्क गवर्नमेंट के द्वारा वसूले जाते हैं उन्हे अप्रत्यक्ष कर की सूची में डाला जा सकता है।
ग्राहक की नज़र से देखें तो यह अपत्यक्ष कर एक प्रकार का extra बोझ है, परंतु government की नज़र से देखें तो यह आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिस से सरकार धन कमा कर समाज कल्याण के कार्य सुचारु तरीके से कर सकती है और समाज की प्रगति आगे बढ़ा सकती है।
अप्रत्यक्ष कर( indirect tax) – अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर वे कर है जिनका दबाव एक व्यक्ति पर तथा उसका भार दूसरे पर पड़ता है ।इसका अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति पर ये कर लगाये जाते है वह व्यक्ति इन करो को भार को दूसरे व्यक्तियों पर अन्तरित कर देता है।अर्थात वह इन करो के अंतिम मौद्रिक भार को स्वयं वहन नही करता। ऐसा अक़्सर उत्पादित वस्तुओं के मूल्य से बृद्धि करके किया जाता है। अप्रत्यक्ष करो के प्रमुख उदहारण है – सीमा सुल्क केंद्रीय उत्पाद सुल्क ,व्यापार सुल्क और मनोरंजन कर आदि।
हर आदमी पैसा कमाता है. और अपने परिवार और समाज के विकास में उसका उपयोग करता है. लेकिन, इस कमाए गए सभी पैसो का अकेले इस्तेमाल नही कर सकते है. इसमें से कुछ हिस्सा हमें संबंधित सरकार को देना पडता है. जिसे हम “कर” के नाम से जानते है. कर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है.
- प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
- अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
हम अब बात करेंगे कि अप्रत्यक्ष कर के बारे में . क्या होता है अप्रत्यक्ष कर? कितने प्रकार का होता है अप्रत्यक्ष कर? आइए जानते है अप्रत्यक्ष कर के बारें में.
अप्रत्यक्ष कर क्या होता है?
जैसा नाम बता रहा है. वह कर जो करदाता (Taxpayer) द्वारा संबंधित सरकार को सीधा भुगतान नही किया जाता है. अप्रत्यक्ष कर कहलाता है. इसे करदाता सीधा सरकार को नही देता है. बल्कि इसे किसी सेवा या कार्य के रुप में अतिरिक्त कीमत के रूप में चुकाता है.
इस कर को सरकार द्वारा व्यापारियों या सेवा प्रदाताओं की ऊपर लगाया जाता है. लेकिन ये इसे वस्तु या सेवा में शामिल कर ग्राहक से वसूल करते है. जिसके कारण वस्तु या सेवा की वास्तविक कीमत से ज्यादा उपभोक्ता को चुकाना पडता है.
अप्रत्यक्ष कर के प्रकार
अप्रत्यक्ष कर को कई रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. इस कर का वर्गीकरण वास्तव में संबंधित देश की सरकार के वर्गीकरण पर निर्भर करता है. इसलिए अप्रत्यक्ष कर कई प्रकार का हो सकता है. नीचे आपको अप्रत्यक्ष कर के मुख्य प्रकार के बारे में बताया है.
Service Tax: इस कर को सेवा कर भी कहते है. इसे सेवा के बदले में वसूला जाता है. जैसे, कानूनी सेवा, परामर्श सेवा आदि.
Excise Duty: इसे प्रत्येक उत्पाद पर लगाया जाता है. यह उत्पाद बनाने वाले पर लगता है. जिसे ये उपभोक्ता से वसूलते है.
Custom Duty: इसे किसी दूसरे देश से सामान खरीदने और बेचने पर लगाया जाता है. जिसे कई रूप में लगाया जाता है.
Stamp Duty: इसे सभी कानूनी कामों के बदले में वसूल किया जाता है. जब कोई व्यक्ति, संस्था किसी अचल संपती (जमीन) को खरीदता या बेचता है. तब इस कर को वसूल किया जाता है.
VAT (Value Added Tax): इस कर को विक्रय योग्य चल सामान पर लगाया जाता है.
STT (Securities Transaction Tax): इस कर को Stocks खरीदने-बेचने पर लगाया जाता है.
Entertainment Tax: मनोरंजन से संबंधित सभी व्यवहारों पर इस कर को लगाया जाता है. जैसे, Movie Tickets, Video Games आदि.