Windows कंप्यूटर में Control Panel का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
Windows Computer में कंट्रोल पैनल क्या हैं? इसका उपयोग किन किन कार्यों के लिए किया जा सकता हैं?
कंप्यूटर विंडोज में कंट्रोल पैनल का इस्तेमाल
मेन प्रोग्राम समूह के भीतर एक आइकॉन होता है, जिस पर कंट्रोल पैनल लिखा होता है। कंट्रोल पैनल अनेक उपयोगी प्रोग्राम का संचय है। इन प्रोग्रामों का इस्तेमाल आप अपने विंडोज डेस्कटॉप को लगाने व संवारने में कर सकते है। अगर आप कंट्रोल पैनल प्रोग्रामो की सूची देखना चाहते है, तो यह तरीका अपनाएं।
1. मेन प्रोग्राम समूह आइकॉन पर डबल क्लिक करें। इससे मुख्य विंडोज खुल जाएगी।
2. कंट्रोल पैनल आइकॉन पर डबल क्लिक करें, इससे कंट्रोल पैनल विंडोज खुल जाएगी।जब हम इस ऑप्शन पर जाकर माउस द्वारा क्लिक करते है तो हमारे सामने मॉनिटर पर निम्न प्रकार से कंट्रोल पैनल की विंडोज खुल जाती है।
कंट्रोल पैनल क्या हैं?
कंट्रोल पैनल अनेक अनुप्रयोग प्रोग्रामों का समूह है, जिसका प्रयोग, हार्डवेयर और ध्वनि सेटिंग, फ़ॉन्ट सेटिंग, System & Security सेटिंग, नेटवर्क और इंटरनेट सेटिंग, यूजर अकाउंट की सेटिंग के लिए किया जाता है।
कंट्रोल पैनल के कार्य:
इसमें 18 अनुप्रयोग आइकॉन होगे। हो सकता है इनमें कुछ प्रग्रामो का इस्तेमाल करने का मौका आपको कभी न मिलें, पर कुछ का प्रयोग करते हुए आप अपने काम काज की रफ़्तार बढ़ा सकते है। मसलन, आप कंप्यूटर की घडी को फिर सेट कर सकते है। डेस्कटॉप के रंग बदल सकते है, माउस की गति तेज या धीमी कर सकते है और कुंजीपटल के काम करने के तरीके में फेरबदल कर सकते है। इनमें सामने आने वाले विकल्पों में मौजूद संभावनाओं की तलाश करें। विंडोज हर बार आपके सामने डायलॉग बॉक्स पेश करता रहेगा जो आपके लिए मार्गनिर्देशक का काम करेंगें।
इस विंडोज में लगभग 18 ओशन है, जो निम्न है:-
1 Accessibility Option
2 Add New Hardware
3 Add/ Remove Programs
4 Date and Time
5 Display
6 Fonts
7 Keyboard
8 Desk Top Theme
9 Microsoft Mail
10 Modems
11 Mouse
12 Multimedia
13 Network
14 Password
15 Printers
16Regional Setting
17 sound
18 System
1. Accessibility Option:
यह ऑप्शन विंडोज के किसी भी संस्करण में नहीं था। इस ऑप्शन के द्वारा कंप्यूटर को इस लायक बनाने का प्रयास किया गया कि इसका प्रयोग वह व्यक्ति भी कर सके, जो शारीरिक दृष्टिकोण से सामान्य व्यक्तियों से कम है। यदि किसी व्यक्ति को कम दिखाई पड़ता है तो इस ऑप्शन के द्वारा वह कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर का निर्धारण इस प्रकार कर सके कि उसे यह सब स्पष्ट रूप से दिखाई पड़े। जब हम इस ऑप्शन पर जाकर माउस द्वारा क्लिक करते है तो मॉनिटर पर यह ऑप्शन निम्न प्रकार की विंडोज के रूप में आता है।
2. Add New Hardware:
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम विंडोज को सेटअप करने के पश्चात भी कंप्यूटर में किसी हार्डवेयर को जोड़ सकते है। सर्वप्रथम हमें कंप्यूटर में नया हार्डवेयर लगाना पड़ता है। इसके पश्चात् जब हम कंप्यूटर को on करते है तो ऐसा हो सकता है कि विंडोज इसे स्वयं ही Detect कर ले यदि नही होता है तो इस ऑप्शन पर माउस को ले जाकर क्लिक करते है, जिसके परिणामस्वरूप निम्न विंडोज मॉनिटर पर आती है।
इस विंडोज के द्वारा हम हार्डवेयर को ऐड करके इनस्टॉल कर सकते है।
3. Add/ Remove Programs :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम कंप्यूटर में कोई भी सॉफ्टवेर Install कर सकते है। अथवा कोई भी Installed Software remove कर सकते है। जब हम इस ऑप्शन पर जाकर माउस द्वारा क्लिक करते है तो मॉनिटर पर निम्न विंडोज आता है।
4. Date and Time :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम कंप्यूटर में Date और Time को ठीक कर सकते है। जब हम इस ऑप्शन पर क्लिक करते है तो मॉनिटर पर निम्न विंडोज आता है।
5. Display :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम कंप्यूटर में दो कार्य कर सकते है। हम किस मॉनिटर का प्रयोग कर रहे है और दूसरा डिस्प्ले एडाप्टर कार्ड को निर्धारित करते है। जब हम इस ऑप्शन पर जाकर माउस द्वारा क्लिक करते है तो मॉनिटर पर यह ऑप्शन निम्न प्रकार की विंडोज के रूप में आता है।
6. Fonts :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम विंडोज द्वारा प्रयोग किये जा रहे फॉन्ट्स को घटा या बढ़ा सकते है।
7. Keyboard:
इसका प्रयोग करके हम विंडोज में Keyboard को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारण करते है। जब इस ऑप्शन पर माउस द्वारा क्लिक करते है तो निम्न विंडोज Open होती है।
8. Desk Top Theme :
इसका प्रयोग करके हम अपनी इच्छा या पसंद के अनुसार डेस्कटॉप पर कोई भी wall paper, Screen saver इत्यादि को बदल सकते है।
9. Microsoft Mail:
यदि हम E-mail सुविध का प्रयोग कर रहे है तो इस ऑप्शन का प्रयोग करके इसे हम अपनी आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित कर सकते है।
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात है कि यह आइकॉन तभी आएगा जब हमारे कंप्यूटर में मोडेम लगा हो और हम ईमेल सुविध का प्रयोग कर रहे हो।
10. Modems :
इस ऑप्शन का प्रयोग हम कंप्यूटर में प्रयोग किए जा रहे मॉडेम की सेटिंग को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित कर सकते है। हम मॉडेम(Modems) की समस्त सेटिंग और पोर्ट(Port) को बदल सकते है।
11. Mouse :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम माउस के प्रयोग की विधि और उसके पॉइंटर के आकार को बदल सकते है। जब हम इस ऑप्शन पर जाकर माउस द्वारा क्लिक करते है तो मॉनिटर पर यह ऑप्शन निम्न प्रकार की विंडोज के रूप में आता है।
12. Multimedia :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम कंप्यूटर के अंदर प्रयोग किये जा रहे मल्टीमीडिया कंपोनेंट्स(Multimedia components) की सेटिंग को बदल सकते है। जब हम इस ऑप्शन पर क्लिक करते है तो मॉनिटर पर निम्न विंडोज आता है।
13. Network :
इस ऑप्शन का प्रयोग नेटवर्क की सेटिंग को बदलने के लिए किया जाता है। इस ऑप्शन के प्रयोग से हम नेटवर्किंग की प्रॉपर्टीज को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बदल सकते है।
14. Password :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम कंप्यूटर के अधिकार को सुरक्षित करते है। जब हम इस ऑप्शन पर जाकर माउस द्वारा क्लिक करते है तो मॉनिटर पर निम्न प्रकार की विंडोज आता है।
इस ऑप्शन के द्वारा हम पासवर्ड निर्धारित करते है और पासवर्ड निधारित करने के पश्चात जब हम कंप्यूटर को पुनः on करते है। विंडोज यही पासवर्ड मांगती है यदि पासवर्ड सही है तो विंडोज ओपन हो जाती है। यदि पासवर्ड गलत है तो विंडोज वेलकम मोड़ में वापस पहुँच जाती है। हम कोई भी कार्य नही कर सकते है।
15. Printers :
इस ऑप्शन का प्रयोग करके हम प्रिंटर को विंडोज में अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सेट कर सकते है। हम प्रिंटर की प्रॉपर्टीज और पोर्ट सेट कर सकते है।
16. Regional Setting:
इस मेनू का प्रयोग करके हम टाइम जोन इत्यादि को निर्धारित करते है। जब हम इस ऑप्शन पर माउस द्वारा क्लिक करते है तो निम्न मेनू मॉनिटर पर आती है।
17. Sound :
इस मेनू का प्रयोग करके हम यह निर्धारित करते है कि जब विंडोज कंप्यूटर पर लोड हो तो क्या आवाज आये और जब हम कंप्यूटर को बंद करते है तो क्या आवाज आये।
18. System :
इस मेनू का प्रयोग हम पावर सेविंग तथा सेटिंग में इस प्रकार करते है कि हमारे कंप्यूटर में यदि पावर मैनेजमेंट सिस्टम हो तो उसको भली भांति प्रयोग किया जाय
कंट्रोल पैनल – Control Panel:
कंट्रोल पैनल, जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है, ये सिस्टम में मुख्य और प्रभावी चीज़ों और तकनिकी सेटिंग्स को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
कंट्रोल पैनल कैसे स्टार्ट करें – How to start Control Panel:
- कंट्रोल पैनल आप विंडोज के बटन पर क्लिक क्र के सर्च कर सकते हैं.
- आप सीधे कंट्रोल पैनल के ऑप्शन पर क्लिक कर सकते हैं.
- Win+R का बटन दबाकर. एक डायलाग बॉक्स ओपन होगा, उसमे कंट्रोल (Control) टाइप करते ही कंट्रोल पैनल आ जायेगा.
- कमांड प्रांप्ट में कंट्रोल टाइप करके भी कंट्रोल पैनल को ओपन किया जा सकता है.
कंट्रोल पैनल के कार्य – Tasks of Control Panel:
जैसा की मैंने बताया, एक विंडो कंप्यूटर सिस्टम के सभी जरूरी तकनिकी और गैर तकनिकी सेटिंग्स के लिए हम कंट्रोल पैनल का इस्तेमाल करते हैं. अगर आप इसे ओपन करें तो पाएंगे की इसमें सभी सेटिंग्स को कुछ मुख्य केटेगरी के अंदर रखा गया है.
- सिस्टम और सिक्योरिटी – System and Security:
इसके अंतर्गत कंप्यूटर की सिक्योरिटी मेंटेन करना. बैकअप लेना और सिक्योरिटी रिव्यु जैसे ऑप्शंस होते हैं. सिस्टम से जुड़े दूसरी प्रॉब्लम के लिए भी इसमें ऑप्शन होता है की आप उसे चेक कर के फिर सही (Fix) करें.
2. नेटवर्क एंड इंटरनेट – Network and Internet:
इसके अंतर्गत, सिस्टम के नेटवर्क से जुड़े सभी सेटिंग रहते हैं जिसमे हम इंटरनेट और अन्य नेटवर्क डिवाइस से सम्बंधित चेंज या सेटिंग कर सकते हैं.
इसमें होमग्रुप और नेटवर्क शेयरिंग की सेटिंग भी मौजूद रहती है.
3. हार्डवेयर एंड साउंड – Hardware and Sound:
इसमें सिस्टम के हार्डवेयर से सम्बंधित वो साडी सेटिंग की जाती हैं जो की सिस्टम के साउंड पर असर डालती हैं. हम कंप्यूटर से कोई अन्य डिवाइस जोड़ना चाहे जैसे प्रिंटर इत्यादि भी तो हमे वो सेटिंग इसी केटेगरी में मिलेगी.
4. प्रोग्राम – Programs:
इसमें सिस्टम के अंदर इनस्टॉल किये गए सभी प्रोग्राम का रिकॉर्ड रहता है जिसे हम यहाँ से अनइंस्टाल (Un-Install) भी कर सकते हैं.
5. यूजर अकॉउंट और फॅमिली सेफ्टी – User account and family safety:
इसमें कंप्यूटर के सभी यूजर अकाउंट से सम्भित जानकारी रहती है. हम इसके जरिये पैरेंटल कंट्रोल का ऑप्शन भी सेट कर सकते हैं.
6. अपीयरेंस और पेर्सनलिज़शन – Appearance and Personalization:
इसमें सिस्टम के किसी भी थीम को चेंज करके नया थीम लगाना और स्क्रीन रेसोलुशन से सम्बंधित सभी सेटिंग मौजूद रहती हैं.
7. क्लॉक, लैंग्वेज और रीजन – Clock, Language and Region:
इसमें टाइम जोन चेंज करना, समय और डेट सही करना, एरिया या कंट्री स्पेसिफाई करना…सब कुछ होता है.
8. इज़ ऑफ़ एक्सेस – Ease of Access:
यह कंट्रोल पैनल की आखिरी केटेगरी होती है. इसके अंदर हम कीबोर्ड, माउस के बेहेवियर को बदल सकते हैं. इज़ ऑफ़ एक्सेस के साडी सेटिंग्स को लगा सकते हैं. विंडोज को कुछ सजेस्ट कर सकते हैं. और साथ ही साथ विंडो को अपनी आवाज़ से काम करवाने की ट्रेनिंग भी दे सकते हैं.