ट्रेड वॉर क्या होता हैं? अमेरिका और चीन जैसे देश आपस में क्यों उलझ रहे हैं
अभी हाल ही में समाचार आ रहे हैं कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार शुरू हो गया हैं और दूसरे देश भी इसके चपेट में आ सकते हैं| यहाँ पर Trade War का क्या अर्थ हैं? ट्रेड वॉर क्यों और कैसे होता हैं और इसका भारत जैसे देशों पर क्या असर पड़ेगा
ट्रेड वॉर – Trade War Meaning in Hindi
हर देश आयात और निर्यात के द्वारा दूसरे देशों के साथ व्यापार करता हैं| जब किसी देश का कुल आयात, उसके द्वारा किये गए कुल निर्यात से अधिक होता हैं तो इसे व्यापार घाटा कहते हैं| किसी भी देश के लिए अधिक आयात नुकसानदायक होता हैं क्योंकि इससे उसकी घरेलु इंडस्ट्री को नुकसान होता हैं और अन्य बहुत सारे नुकसान होते हैं| प्रत्येक देश यह चाहता हैं कि वह अपने आयातों को कम से कम करे|
आयातों को कम करने और अपने घरेलु इंडस्ट्री को मदद करने के लिए कई तरीके अपनाये जाते हैं जैसे आयातों पर भरी टैक्स लगाना जिसके कारण आयात हुई वस्तुओं का मूल्य बढ़ जाता हैं और लोग आयात कम करके घरेलु व्यापारों से वस्तुएं खरीदते हैं| जब एक देश दूसरे देश से आयातों को कम करने के लिए प्रयास शुरू करता हैं तो दूसरा देश भी यही कदम उस देश खिलाफ उठाता हैं और इस तरह से ट्रैड वॉर शुरू हो जाता हैं जहाँ पर वैश्वीकरण को किनारे करके “Nation First” की नीति अपनाई जाती हैं|
कुछ वर्षों पूर्व वैश्वीकरण के कारण देशों के बीच व्यापार करना आसान हो गया और बहुत सारे प्रतिबन्ध और जटिलताएं कम कर दी गयी थी| और देशों के मध्य यह आपसी समझौता होता हैं कि वे आयातों पर करों को कम से कम रखेंगे| लेकिन अमेरिका ने ट्रैड वॉर की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं और चीन से होने वाले आयातों पर भारी टैक्स लगाये हैं| बदले में चीन ने भी अमेरिका से होने वाले आयातों पर भारी ड्यूटी लगाई हैं|
ट्रैड वॉर और भारत
अगर ऐसा ही चलता रहा और इसे रोकने के प्रयास नहीं किये गए तो यह ट्रैड वॉर धीरे धीरे दूसरे देशों में भी फैलने लगेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की दिशा में बढ़ने लगेगी| अमेरिका की नेशन फर्स्ट की नीति का भारत पर भी असर होगा| आईटी जैसे क्षेत्र में इसका महत्वपूर्ण असर होगा