भारत की राजधानी क्या हैं ? – what is the capital of INDIA…??
भारत की राजधानी नई दिल्ली है।
Indian capital is New Delhi.
दिल्ली को भारतीय महाकाव्य महाभारत में प्राचीन इन्द्रप्रस्थ, की राजधानी के रूप में जाना जाता है। उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ तक दिल्ली में इंद्रप्रस्थ नामक गाँव हुआ करता था।
अभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में कराये गये खुदाई में जो भित्तिचित्र मिले हैं उनसे इसकी आयु ईसा से एक हजार वर्ष पूर्व का लगाया जा रहा है, जिसे महाभारत के समय से जोड़ा जाता है, लेकिन उस समय के जनसन्ख्या के कोई प्रमाण अभी नहीं मिले हैं। कुछ इतिहासकार इन्द्रप्रस्थ को पुराने क़िले के आस-पास मानते हैं।
पुरातात्विक रूप से जो पहले प्रमाण मिलते हैं उन्हें मौर्य-काल (ईसा पूर्व 300) से जोड़ा जाता है। तब से निरन्तर यहाँ ्जनसन्ख्या के होने के प्रमाण उपलब्ध हैं। 1966 में प्राप्त अशोक का एक शिलालेख(273 – 300 ई पू) दिल्ली में श्रीनिवासपुरी में पाया गया। यह शिलालेख जो प्रसिद्ध लौह-स्तंभ के रूप में जाना जाता है अब क़ुतुब-मीनार में देखा जा सकता है। इस स्तंभ को अनुमानत: गुप्तकाल (सन ४००-६००) में बनाया गया था और बाद में दसवीं सदी में दिल्ली लाया गया।लौह स्तम्भ यद्यपि मूलतः कुतुब परिसर का नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी अन्य स्थान से यहां लाया गया था, संभवतः तोमर राजा, अनंगपाल-II (1051-1081) इसे मध्य भारत के उदयगीरी नामक स्थान से लाए थे। [1] इतिहास कहता है कि 10-11 सताब्दी के बीच लोह स्तंभ को दिल्ली में स्थापित किया गया था और उस समय दिल्ली में तोमर राजा अनंगपाल द्वितीय (1051-1081) था।वहीं लोह स्तंभ को दिल्ली में लाया था जिसका जिक्र पृथ्वीराज रासो में भी किया है। जबकि फिरोजशाह तुगलक 13 सताब्दी मे दिल्ली का राजा था वो केसे 10 सताब्दी मे इसे ला सकता है।
चंदरबरदाई की रचना पृथवीराज रासो में तोमर वंश राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि उसने ही ‘लाल-कोट’ का निर्माण करवाया था और लौह-स्तंभ दिल्ली लाया था। दिल्ली में तोमर वंश का शासनकाल 900-1200 इसवी तक माना जाता है। ‘दिल्ली’ या ‘दिल्लिका’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों पर पाया गया, जिसका समय 1170 इसवी निर्धारित किया गया। शायद 1316 इसवी तक यह हरियाणा की राजधानी बन चुकी थी। 1206 इसवी के बाद दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनी जिसमें खिलज़ी वंश, तुग़लक़ वंश, सैयद वंश और लोधी वंश समते कुछ अन्य वंशों ने शासन किया।